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सरवटे जैसा मॉडल ही नहीं बना शहर के सरवटे बस स्टैंड पर सब कछ अंदर है। हालांकि अभी यहां काम चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि यहां की व्यवस्थाएं पहले से बेहतर होंगी, लेकिन गंगवाल बस स्टैंड के लिए कोई सरवटे जैसा प्लान तैयार नहीं किया गया। दरअसल गंगवाल बस स्टैंड की बिल्डिंग में ही लोचा है। इस बिल्डिंग को अनावश्यक विस्तार दिया गया है। बेहत होता कि बिल्डिंग का आकार छोटा कर ऑटो स्टैंड, पार्किंग और सभी दुकानें अंदर की जाती ताकि सड़क पर संत्रास नहीं होता
एमओजी लाइन सड़क पर भी बस अड्डा
गंगवाल बस स्टैंड के ठीक पीछे एमओजी लाइन वाली सड़क भी अवैध बस अड्डा बन गया है। यहां सड़क पर पीथमपुर की बसें दिनभर खटी रहती हैं। यह सडक भी संकरी है। ऐसे में यहां भी वाहन चालकों को बसें खड़ी होने की वजह से काफी संभलकर चलना पड़ता है । ये बस भा आधा सड़क घर रहती हैं। एक समय में कम से कम दो-तीन बसें खड़ी होने से काफी परेशानी का सामना वाहन चालकों और पैदल चलने वालों करना पड़ पैदल चलने वालों करना पड़ रहा हैवहीं गंगवाल बस स्टैंड के मोड़ और एमओजी लाइन सड़क के कॉर्नर पर काफी दिनों से पाइल लाइन डालने का काम चल रहा है। यह काम कब पूरा होगा पता नहीं क्योंकि काम होता दिख नहीं रहा है। इस कॉर्नर पर बड़ा गड्ढा किया हुआ है। इस गड्ढे ने सड़क के महत्वपूर्ण मोड़ को घेर रखा . है। इससे सड़क वाहन चालकों को काफी दिक्कत हो रही है।